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Keh do | कह दो

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  कह दो हो सकता है मुकर जाएं या सब कुछ सुधर जाए ये भी हो सकता है कि सब उम्मीदें बिखर जाएं फिर भी कह दो मत लेना दर्द कभी अफसोस का भले इनकार का मौसम ठहर जाए नामंजूरी का गम नहीं है अपार क्षणभंगुर, दो पल में उतर जाए इसलिए कह दो हो सकता है उसे कोई और कह जाए तुमसे पहले, दरिया किसी और का बह जाए और बेबात की कुछ देरी के लिए वो अपना मन किसी और को दे जाए इसलिए कह दो क्या पता मन में वो भी तुमसे चाहते है कहना, न जाने कबसे बस बचे हो तुम ही अंजान और कह चुके हैं वो सब से इसलिए तुम ही कह दो न कह पाओ तो कोई नज़्म उसे सुना दो अपने दिल को किसी खत में बना दो न रहेंगे हम, तुम और न वो कल फिर रहेगी सिर्फ मोहब्बत, इसे शब्दों में पनाह दो बस कह दो -----------------------------------------------------Ram Shrivastava--------------------------------------------------------------------

Nasha | नशा

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  Nasha | नशा इन बादलों में नशा है कोई राज़ इनमें बसा है जैसे उन बरसते मोतियों से, कह रहे कुछ बात हैं जैसे दामिनी के प्रेम में, पागल हुई बरसात है जैसे सावन की घटा में, रिमझिम हुए जज़्बात हैं भीगना उस याद में दिल्लगी की सजा है इन बादलों में नशा है इन कागजों में नशा है कोई गीत इनमें बसा है जैसे किसी किताब में रचा, गौरवपूर्ण इतिहास जैसे किसी खत में लिखी, जीने मरने की आस जैसे किसी लिहाफ में बसी, एक प्रेमी की सांस, उस गीत के प्यार में जीना ही मजा है इन कागजों में नशा है इस यामिनी में नशा है कोई आरोप इसमें बसा है जैसे कथाओं में सुनी कैकेयी की ममता जैसे आज के काल में नारी की क्षमता जैसे अयोध्या लौटकर अग्निपरीक्षा देती सीता विश्वास ही तो जग के अस्तित्व की वजह है इस यामिनी में नशा है मुकद्दस नशा करता था तिरा 'मुसाफिर', ज़माने ने सौदाई समझकर बदनाम कर दिया By Ram Shrivastava | राम श्रीवास्तव

Dead but Alive..... Markar bhi Shaadaab

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मरकर भी शादाब  | Dead but Alive नींद तो कंबख्त आती ही नहीं, वो तो वक्त का दिल रखने को वक्त पे, सो जाया करते हैं। बिना उसके कोई सूरत भाती ही नहीं, वो तो हुस्न का दिल रखने को हुस्न में, खो जाया करते हैं। पहले सी मदहोशी अब छाती नहीं, ये सूरत भी अब मुस्कुराती नहीं, कोई तीखी बात अब दिल दुखाती नहीं, चांद की चांदनी अब चिढ़ाती नहीं, शामें भी अब राग गाती नहीं, चाहें भी पर अब जान जाती नहीं, जिस्म पे कोई चोट अकुलाती नहीं, वो तो दर्द का दिल रखने को दर्द में, रो जाया करते हैं। उसकी यादें तो कमबख्त जाती ही नहीं, वो तो जश्न का दिल रखने को जश्न में, हो जाया करते हैं।