Nasha | नशा
Nasha | नशा
इन बादलों में नशा है
कोई राज़ इनमें बसा है
जैसे उन बरसते मोतियों से,
कह रहे कुछ बात हैं
जैसे दामिनी के प्रेम में,
पागल हुई बरसात है
जैसे सावन की घटा में,
रिमझिम हुए जज़्बात हैं
भीगना उस याद में
दिल्लगी की सजा है
इन बादलों में नशा है
इन कागजों में नशा है
कोई गीत इनमें बसा है
जैसे किसी किताब में रचा,
गौरवपूर्ण इतिहास
जैसे किसी खत में लिखी,
जीने मरने की आस
जैसे किसी लिहाफ में बसी,
एक प्रेमी की सांस,
उस गीत के प्यार में
जीना ही मजा है
इन कागजों में नशा है
जैसे किसी किताब में रचा,
गौरवपूर्ण इतिहास
जैसे किसी खत में लिखी,
जीने मरने की आस
जैसे किसी लिहाफ में बसी,
एक प्रेमी की सांस,
उस गीत के प्यार में
जीना ही मजा है
इन कागजों में नशा है
इस यामिनी में नशा है
कोई आरोप इसमें बसा है
जैसे कथाओं में सुनी
कैकेयी की ममता
जैसे आज के काल में
नारी की क्षमता
जैसे अयोध्या लौटकर
अग्निपरीक्षा देती सीता
विश्वास ही तो जग के
अस्तित्व की वजह है
इस यामिनी में नशा है
जैसे कथाओं में सुनी
कैकेयी की ममता
जैसे आज के काल में
नारी की क्षमता
जैसे अयोध्या लौटकर
अग्निपरीक्षा देती सीता
विश्वास ही तो जग के
अस्तित्व की वजह है
इस यामिनी में नशा है
मुकद्दस नशा करता था तिरा 'मुसाफिर',
ज़माने ने सौदाई समझकर बदनाम कर दिया
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